इस रंगारंग से तंग है, सड़क बड़ी हैरान,
अचम्भे मैं है ये पड़ी, प्रजातंत्र अनजान।
प्रजांतत्र की जान सड़क में बसी हुई है,
जन टोली गड्ढे भरने में डटी हुई है।
डटी हुई है, चमक धमक ही सबकुछ भाई।
छोड़ो अमन, शान्ति और बढ़ती महंगाई।
टूटे इन गड्ढों पर फिर कब सत्ता टूटी?
धर्म-जात की आड़ में ही तो जेबें लूटीं।
लूटीं जेब, सफ़ेद सेठ बड़े अभिमानी,
नुक्सान में होकर भी वह सबसे बड़े हैं दानी।
बड़े हैं दानी, दान ईश भी देख रहे हैं।
कॉन्ट्रैक्ट दान को देख बखूभी भेट रहे हैं।
भेट रहे हैं, कर से देश बेहतर कर मेरा।
वर्ना नोटिस गेट पर करेगा स्वागत तेरा।
स्वागत तेरा कर रही, मशीन ले कैंडिडेट,
बटन तू जो भी दाब ले, गारंटी है बस एक।
गारंटी है बस एक, भ्रष्टाचार मिलेगा।
तेरे पसीने के बदले, अत्याचार मिलेगा।
सदाचार के रूप में, अविचार की भेट,
समाज की मांग के प्रतिरूप उपयुक्त है कैंडिडेट।
उपयुक्त है कैंडिडेट,देख लो अपना नेता,
ज्ञान से उसको प्रेम, डिग्री में रूचि न लेता।
रूचि न लेता, निष्काम कर्म का ये अनुयायी।
जो है दानी उस पर इसने सत्ताएं लुटायीं।
सत्ताएं लुटायीं, धन फिर मैल, क्या अपना पराया?
तेरी रोटी, तेरा टुकड़ा, मैंने खाया।
मैंने खाया, खाने पर आवाज़ तो न की!
राज में अपने दहशत भी काम होने न दी।
प्रजातंत्र "मतदान" है!
है क्या वाद विवाद?!
चिल्लाना फिर भी स्वीकृत,
गुनाह विनम्र संवाद।
गुनाह विनम्र संवाद, प्रथम मतदान करो तुम!
भूलो सब बैठो नेता का काम करो तुम!